HMPV को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय की राज्यों को सलाह

HMPV को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय की राज्यों को सलाह

नई दिल्ली : देश में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस के मामले सामने आने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय अलर्ट मोड पर है। इसे लेकर राज्यों को सतत निगरानी और सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है। वहीं एचएमपीवी को लेकर बढ़ रही चिंता के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव पुण्य सलिला ने देश में श्वसन संबंधी बीमारियों और सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों के प्रबंधन की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि एचएमपीवी से जनता को घबराने की कोई जरूरत नहीं है। यह नया नहीं बल्कि वर्ष 2001 से वैश्विक स्तर पर मौजूद है। 

स्वास्थ्य सचिव ने सभी राज्य सरकारों को एचएमपीवी से बचने के उपायों के प्रति जनता को जागरूक करने और इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) या गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी के मामलों की समीक्षा करने के लिए कहा। स्वास्थ्य सचिव पुण्य सलिला ने राज्य सरकार और केंद्र शासित प्रदेश के अधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठक की। बैठक में स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस अक्सर सर्दी और शुरुआती बसंत के महीनों में सभी उम्र के लोगों में श्वसन संबंधी संक्रमण का कारण बनता है। यह आमतौर पर हल्का होता है। इसके अधिकांश मामले अपने आप ठीक हो जाते हैं। 

बैठक में राज्यों को सलाह दी गई है कि वे वायरस की रोकथाम के लिए लोगों को जागरूक करें। साथ ही लोगों को बताएं कि वे साबुन और पानी से बार-बार हाथ धोएं। बिना धुले हाथों से आंख, नाक या मुंह को छूने से बचें। बीमार लोगों के साथ निकट संपर्क से बचें। खांसते या छींकते समय मुंह और नाक को ढकें। 

चीन में फैले ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस के भारत में अब तक सात मामले सामने आ चुके हैं। पहले दो मामले कर्नाटक और तमिलनाडु, एक मामला गुजरा से सामने आया। अब दो संदिग्ध मामले महाराष्ट्र से सामने आ चुके हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को भी कहा था कि एचएमपीवी पहले से ही भारत सहित दुनिया भर में प्रचलन में है। इससे जुड़ी श्वसन संबंधी बीमारियों के मामले कई देशों में सामने आए हैं। वहीं आईसीएमआर और एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम नेटवर्क के मौजूदा आंकड़ों के आधार पर देश में इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी या गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी के मामलों में कोई असामान्य वृद्धि नहीं हुई है।