भोपाल में टैक्सी सेवा बंद होने से लोग परेशान क्यों हैं?

राजधानी में टैक्सी यूनियन की हड़ताल का मिला-जुला असर देखने को मिल रहा है। यूनियन ने भले ही 2500 टैक्सियों के पहिए थमने का दावा किया था, लेकिन जमीनी हालात कुछ और है। जानकारी के मुताबिक अब तक 400 से 500 टैक्सियां ही हड़ताल में शामिल हुई हैं, जबकि बाकी टैक्सियां सड़कों पर नजर आ रही हैं या फिर ऐप आधारित सेवा में सक्रिय हैं।

जिन यात्रियों को टैक्सी नहीं मिल रही हैं, उन्होंने ई-रिक्शा और कुछेक खुले ऑटो का सहारा लिया, लेकिन इन चालकों ने मौके का फायदा उठाते हुए 2 से 3 गुना ज्यादा किराया वसूलना शुरू कर दिया है। भोपाल रेलवे स्टेशन पर यात्री मोहम्मद जावेद ने बताया कि वह जुमराती बाजार से स्टेशन पहुंचे हैं और उनसे 80 रुपए किराया वसूला गया है। जबकि आम दिनों में यह सफर 35 से 40 रुपए में पूरा हो जाता है।

इधर, अंबेडकर जयंती पार्क में हड़ताल के समर्थन में टैक्सी चालकों और यूनियन पदाधिकारियों का जमावड़ा जारी है। दोपहर तक यहां 250 से 300 टैक्सियां खड़ी हो चुकी थीं। यूनियन पदाधिकारी मंच से सरकार और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं और मांगों को दोहराया जा रहे हैं। टैक्सियां बंद होने से यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, खासतौर पर स्टेशन, एयरपोर्ट और बस स्टैंड पर। उन्हें साधन तो मिल रहा है, पर किराया अधिक देना पड़ रहा है। किराए में बढ़ोतरी को लेकर किसी तरह की प्रशासनिक निगरानी नजर नहीं आई।