खंडवा के दादाजी धाम में उमड़ा आस्था का सैलाब
देशभर में गुरु शिष्य की... परंपरा का उत्सव... गुरु पूर्णिमा... बड़े ही धूमधाम और.... उत्साह पूर्वक मनाया गया....वही पूर्णिमा पर खंडवा स्थित... श्री दादाजी धूनीवाले धाम में... लाखों श्रद्धालु पहुंचे...जहां भोजन, आवास, और चिकित्सा...से लेकर परिवहन तक....सब कुछ नि:शुल्क मिलता है.. बता दे कि यहां 1930 से.... लगातार धूनी प्रज्वलित है, ...जिसे दादाजी की शक्ति माना जाता है...और भक्त सैकड़ों किलोमीटर....पैदल चलकर दर्शन करने पहुंचते हैं...वहीं पुर्णिमा के अवसर पर....भी धूनीवाले धाम पर भक्तों का शैलाब दिखा- दादाजी धूनीवाले धाम में... देशभर से लाखों भक्त दादाजी के समाधि पर मत्था टेकने पहुंचे....और इन भक्तों की मेजबानी करने पूरे खंडवा शहर के लोग जुट गए...बता दे कि भक्तों के लिए...देश का शायद यह इकलौता ऐसा मंदिर है..., जहां पहुंचने वाले भक्तों को... अपनी जेब से कुछ भी खर्चा नहीं करना पड़ता है...यहां पूर्णिमा के पर्व पर भक्तों की मेजबानी के लिए... 500 से ज्यादा लजीज पकवानों से युक्त भंडारे किए गए.....माना जाता है कि, दादाजी अवधूत संत थे...वे नर्मदा के अनुयाई थे,....और अपने पास हमेशा एक धूनी अलख में जलाए रखते थे....इसलिए उनका नाम ....श्री दादाजी धूनीवाले के नाम से जाना जाता है....उन्होने 1930 में यहां समाधि ली थी....और गुरु परंपरा को आगे बढ़ाते हुए... उनके शिष्य छोटे दादाजी भी यहां... 1942 में समाधि में लीन हुए थे....दोनों ही संत मां नर्मदा के अनन्य भक्त थे, ...और धूनी रमाए रहते थे...