MP Board 10th-12th Result 2025: प्रदेश में बेटियों ने मारी बाजी, भोपाल 10वीं में 28वें स्थान पर
मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल (MPBSE) ने 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम घोषित कर दिए हैं। इस बार परीक्षा परिणाम में रिकॉर्ड सुधार देखने को मिला है, लेकिन राजधानी भोपाल का प्रदर्शन चौंकाने वाला रहा। एक तरफ टॉपर्स ने 500 में 500 अंक हासिल किए, वहीं भोपाल 10वीं के परिणामों में 28वें स्थान पर रहा।
भोपाल : मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल (MPBSE) ने 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम घोषित कर दिए हैं। इस बार परीक्षा परिणाम में रिकॉर्ड सुधार देखने को मिला है, लेकिन राजधानी भोपाल का प्रदर्शन चौंकाने वाला रहा। एक तरफ टॉपर्स ने 500 में 500 अंक हासिल किए, वहीं भोपाल 10वीं के परिणामों में 28वें स्थान पर रहा।
मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल (MPBSE) ने मंगलवार को 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा के नतीजे जारी किए। इस बार 10वीं का पास प्रतिशत 76.22% और 12वीं का पास प्रतिशत 74.48% रहा, जो पिछले साल की तुलना में लगभग 18% का सुधार है।
10वीं में सिंगरौली की प्रज्ञा जायसवाल ने 500 में से पूरे 500 अंक लाकर प्रदेश में पहला स्थान पाया। रीवा के आयुष द्विवेदी 499 अंकों के साथ दूसरे और जबलपुर की शैजाह फातिमा 498 अंकों के साथ तीसरे स्थान पर रहीं। मेरिट लिस्ट में कुल 212 छात्र शामिल हैं, जिनमें 145 लड़कियां हैं।
वहीं 12वीं में सतना की प्रियल द्विवेदी ने मैथ्स-साइंस में 500 में से 492 अंक हासिल कर टॉप किया। अलग-अलग स्ट्रीम्स में टॉपर्स रहे — ह्यूमैनिटीज से अंकुर यादव, कॉमर्स से रिमझिम करोठिया, एग्रीकल्चर से हरिओम साहू और बायोलॉजी से गार्गी अग्रवाल।
भोपाल का प्रदर्शन इस बार निराशाजनक रहा। 10वीं के नतीजों में भोपाल प्रदेश के जिलों की लिस्ट में 28वें स्थान पर रहा। भोपाल के टॉपर्स में शामिल रहे:अश्विनी केवट (494 अंक), सोनम यादव (493 अंक), लवकेश बारपेटे और नया नूर अंसारी (492 अंक)।
छात्राओं ने इस बार छात्रों से बेहतर प्रदर्शन किया। 10वीं में लड़कियों का पास प्रतिशत 79.27% रहा जबकि लड़के 73.21% पर रह गए। सीएम मोहन यादव ने रिजल्ट जारी करते हुए असफल छात्रों को निराश न होने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि उन्हें परीक्षा का एक और मौका मिलेगा। माशिमं अध्यक्ष स्मिता भारद्वाज ने बताया कि जो छात्र असफल हुए हैं या नंबरों में सुधार करना चाहते हैं, वे 17 जून से दोबारा परीक्षा दे सकते हैं। यह नई शिक्षा नीति के तहत की गई पहल है।
प्रदेश में टॉप पर रहा नरसिंहपुर जिला, जबकि दमोह सबसे नीचे। 12वीं में नरसिंहपुर में रेगुलर स्टूडेंट्स का पास प्रतिशत 91.91% रहा, जबकि दमोह में मात्र 48.05%।