मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को मिला गोंचा महापर्व का न्यौता, बस्तर की परंपरा ‘तुपकी’ से हुआ सम्मान

बस्तर की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत को संजोते हुए, गोंचा महापर्व एक ऐसा पर्व है जो छत्तीसगढ़ के बस्तर अंचल में सामाजिक समरसता और प्रेम का प्रतीक माना जाता है। यह पर्व छह सौ वर्षों से भी अधिक समय से निरंतर मनाया जा रहा है, और यह बस्तर …

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को मिला गोंचा महापर्व का न्यौता, बस्तर की परंपरा ‘तुपकी’ से हुआ सम्मान

रायपुर। बस्तर की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत को संजोते हुए, गोंचा महापर्व एक ऐसा पर्व है जो छत्तीसगढ़ के बस्तर अंचल में सामाजिक समरसता और प्रेम का प्रतीक माना जाता है। यह पर्व छह सौ वर्षों से भी अधिक समय से निरंतर मनाया जा रहा है, और यह बस्तर दशहरा के बाद सबसे लंबे समय तक चलने वाले पर्वों में से एक है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को आमंत्रण और सम्मान

हाल ही में CM Vishnu Dev साय को उनके निवास पर गोंचा महापर्व आयोजन समिति के प्रतिनिधि मंडल ने औपचारिक रूप से आमंत्रित किया। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व जगदलपुर विधायक श्री किरण देव ने किया। इस अवसर पर बस्तर की पारंपरिक संस्कृति के अनुरूप मुख्यमंत्री को ‘तुपकी’ भेंट कर सम्मानित किया गया, जो इस पर्व का एक विशिष्ट प्रतीक है।

CM Vishnu Dev तुपकी: पर्व की परंपराओं का हिस्सा

गोंचा महापर्व की खास पहचान ‘तुपकी’ है, जो बस्तर की अनूठी सांस्कृतिक धरोहर है। यह पोली बांस से बनाई जाती है, जिसमें एक विशेष पौधे का फल डालकर दबाया जाता है, जिससे पटाखे जैसी आवाज निकलती है। यह परंपरा न केवल मनोरंजन का साधन है, बल्कि समुदाय के बीच आपसी उत्साह और एकजुटता का प्रतीक भी है।

गोंचा महापर्व की प्रमुख तिथियाँ

इस वर्ष गोंचा महापर्व (CM Vishnu Dev) की शुरुआत 11 जून से चंदन यात्रा के साथ हुई। पर्व के प्रमुख आयोजनों में 26 जून को नेत्रोत्सव पूजा और 27 जून को श्री गोंचा रथयात्रा शामिल है। पर्व का समापन 5 जुलाई को बाहुड़ा गोंचा रथयात्रा के साथ होगा। यह पूरा आयोजन न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि क्षेत्रीय संस्कृति और परंपराओं के संरक्षण का जीवंत उदाहरण भी है।

CM Vishnu Dev साय ने दी शुभकामनाएँ

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आमंत्रण स्वीकार करते हुए आयोजन समिति का आभार व्यक्त किया और गोंचा महापर्व की सफलता के लिए शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने कहा कि यह पर्व हमारी सांस्कृतिक पहचान को सहेजने और समाज को जोड़ने का कार्य करता है।

इस अवसर पर उपस्थित प्रतिनिधि मंडल में 360 घर आरण्यक ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष श्री वेदप्रकाश पाण्डे, गोंचा समिति अध्यक्ष श्री चिंतामणि पाण्डे सहित श्री हेमंत पाण्डे, रजनीश पाणिग्राही, नरेंद्र पाणिग्राही, सुदर्शन पाणिग्राही, पुरुषोत्तम जोशी, मुक्तेश्वर पांडे, बनमाली पाणिग्राही और अन्य कई गणमान्य उपस्थित रहे।