इंदौर के पार्षद जीतू यादव को भाजपा ने पार्टी से किया बाहर
इंदौर : इंदौर में भाजपा पार्षद के घर में घुसकर हमले करने के 8 दिन बाद पार्टी ने एमआईसी मेंबर जीतू यादव को 6 साल के लिए बाहर निकाल दिया। प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने पूरे विवाद को अशोभनीय बताते हुए एक्शन लिया है।
3 जनवरी को 40-50 लोगों ने भाजपा पार्षद कमलेश कालरा के घर में घुसकर हमला किया था। कालरा के नाबालिग बेटे ने शुक्रवार को पुलिस को दिए बयान में बताया कि गुंडों ने उसके प्राइवेट पार्ट को भी चोट पहुंचाई। उसके साथ अप्राकृतिक कृत्य करने की बात कही।
नाबालिग ने बताया कि आरोपियों ने गालियां देकर उसके साथ मारपीट की। उसका टॉवेल खींचा, अंडरवियर खींचकर निर्वस्त्र कर वीडियो बनाया। प्राइवेट पार्ट को पकड़कर खींचा और कहा कि हम तुझे निपटाएंगे। सभी साथियों से कहा कि इससे अप्राकृतिक कृत्य करो। हमलावर जीतू के समर्थक बताए जा रहे हैं।
विवाद के बीच जीतू और कालरा की बातचीत का एक ऑडियो भी वायरल हुआ। इसमें जीतू ने कहा, संगठन जाए चूल्हे में। मैं अपनी जगह और संगठन अपनी जगह। घटना की शिकायत पार्षद कालरा ने पीएमओ और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से की थी।
इसके बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर पोस्ट कर घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया था। इधर, मामले में मानवाधिकार आयोग ने इंदौर पुलिस कमिश्नर से 3 हफ्ते में जांच रिपोर्ट मांगी है।
बीते शुक्रवार को बदमाशों ने पार्षद कालरा के घर पर हमला किया था। कालरा ने जीतू यादव पर हमला कराने के आरोप लगाए। 8 दिन के अंतराल में जूनी इंदौर पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज देखकर 13 बदमाशों की पहचान कर ली। इनमें से 6 को गिरफ्तार कर लिया है। इनमें विनय, नवीन, अरुण उर्फ गोलू, कृष्णा, ललित और पिंटू शामिल हैं। पुलिस ने आरोपियों को कोर्ट में पेश किया था। कोर्ट ने 24 जनवरी तक जेल भेजने के आदेश दिए।
पुलिस का कहना है कि अभी तक जीतू यादव के नाम से कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई है, वहीं किसी भी आरोपी ने जीतू यादव का नाम भी नहीं लिया है। इस कारण पुलिस जीतू के इस मामले में शामिल होने या न होने को लेकर कोई बयान नहीं दे रही है।
हालांकि पुलिस जीतू यादव पर कालरा के आरोपों की पड़ताल कर रही है। इस बीच पुलिस ने जीतू की पूरी क्राइम कुंडली खंगाल ली है। पुलिस का कहना है कि जीतू यादव ने 1999 में अपराध की दुनिया में कदम रखा था। तब से 2019 तक जीतू पर 11 केस दर्ज हो चुके हैं। इनमें से 10 केस परदेशीपुरा और 1 संयोगितागंज थाने में ही दर्ज हुआ है।