HMPV से बांग्लादेश में पहली मौत की सूचना आई सामने
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ढाका: बांग्लादेश में गुरुवार को ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) से पहली मौत की सूचना सामने आई है। जब एक महिला की कई स्वास्थ्य जटिलताओं के कारण मृत्यु हो गई।
बता दें मृतका संजीदा अख्तर की बुधवार को स्थानीय समयानुसार शाम 6:00 बजे राजधानी ढाका के संक्रामक रोग अस्पताल में मृत्यु हुई, जहां उसका रविवार से उपचार चल रहा था।
अस्पताल के वरिष्ठ परामर्शदाता अरिफुल बशर ने गुरुवार को घोषणा कर बताया कि महिला को मोटापा, किडनी संबंधी समस्याएं और फेफड़ों की जटिलताओं सहित कई अंतर्निहित बीमारियां थीं।
यह मौत बांग्लादेश में इस मौसम में एचएमपीवी संक्रमण के अपने पहले मामले की सूचना देने के कुछ दिनों बाद हुई है, जिसमें महिला का वायरस के लिए सकारात्मक परीक्षण किया गया था।
महामारी विज्ञान रोग नियंत्रण और अनुसंधान संस्थान (आईईडीसीआर) में वायरोलॉजी के प्रमुख अहमद नौशेर आलम का कहना है कि महिला में निमोनिया के एक प्रकार क्लेबसिएला न्यूमोनिया के लिए भी सकारात्मक परीक्षण किया गया था।
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि रोगी का किसी तरह कि कोई विदेश यात्रा का इतिहास नहीं था।
वहीं IEDCR की निदेशक तहमीना शिरीन ने पहले कहा था कि HMPV का पहली बार बांग्लादेश में 2017 में पता चला था। तब से, वायरस की पहचान लगभग हर साल सर्दियों में की जाती रही है।
2001 में खोजा गया, HMPV रेस्पिरेटरी सिन्सिटियल वायरस (RSV) के साथ न्यूमोविरिडे परिवार में है। यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के अनुसार, आणविक निदान परीक्षण के व्यापक उपयोग ने ऊपरी और निचले श्वसन संक्रमण के एक महत्वपूर्ण कारण के रूप में HMPV की पहचान और जागरूकता बढ़ाई है।
यही नहीं CDC के अनुसार, HMPV सभी उम्र के लोगों में ऊपरी और निचले श्वसन रोग का कारण बन सकता है, खासकर छोटे बच्चों, बड़े वयस्कों और कमज़ोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों में।
CDC के नेशनल रेस्पिरेटरी एंड एंटरिक वायरस सर्विलांस सिस्टम के निगरानी डेटा से पता चलता है कि HMPV शीतोष्ण जलवायु में सर्दियों के अंत और वसंत के दौरान सबसे अधिक सक्रिय होता है।
CDC के अनुसार, HMPV से जुड़े लक्षणों में खांसी, बुखार, नाक बंद होना और सांस लेने में तकलीफ शामिल हैं।
इसके अलावा कोविड-19 और फ्लू के विपरीत, एचएमपीवी के लिए कोई टीका या इसके इलाज के लिए एंटीवायरल दवाएँ नहीं हैं। इसके बजाय, डॉक्टर गंभीर रूप से बीमार लोगों की देखभाल उनके लक्षणों पर ध्यान देकर करते हैं।