MP लोक सेवा पदोन्नति नियम को लेकर शासन ने दायर की कैवियट, उच्च न्यायालयों में संभावित याचिकाओं की तैयारी

भोपाल। मध्यप्रदेश शासन के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा “मध्यप्रदेश लोक सेवा पदोन्नति नियम, 2025” को शुक्रवार को राज्य के राजपत्र (गजट) में अधिसूचित कर दिया गया है। इस नियम के जारी होने के साथ ही संभावना जताई जा रही है कि विभिन्न संघों या शासकीय सेवकों द्वारा इस नियम अथवा इसके

MP लोक सेवा पदोन्नति नियम को लेकर शासन ने दायर की कैवियट, उच्च न्यायालयों में संभावित याचिकाओं की तैयारी

भोपाल। मध्यप्रदेश शासन के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा “मध्यप्रदेश लोक सेवा पदोन्नति नियम, 2025” को शुक्रवार को राज्य के राजपत्र (गजट) में अधिसूचित कर दिया गया है। इस नियम के जारी होने के साथ ही संभावना जताई जा रही है कि विभिन्न संघों या शासकीय सेवकों द्वारा इस नियम अथवा इसके किसी प्रावधान को चुनौती देने हेतु उच्च न्यायालय में याचिका दायर की जा सकती है।

इस संभावित स्थिति को ध्यान में रखते हुए सामान्य प्रशासन विभाग, भोपाल ने एक रणनीतिक कदम उठाते हुए कैवियट (Caveat) दायर की है। यह कैवियट मुख्य खंडपीठ जबलपुर, खंडपीठ इंदौर, और खंडपीठ ग्वालियर — इन तीनों स्थानों पर उच्च न्यायालयों में दायर की गई है, ताकि किसी भी याचिका पर बिना शासन का पक्ष सुने कोई स्थगन आदेश (Stay Order) पारित न किया जाए।

क्या है कैवियट और क्यों दायर की जाती है?

कैवियट (MP) एक कानूनी नोटिस होता है, जो संभावित याचिका के खिलाफ एक पक्ष द्वारा अदालत को यह सूचित करने हेतु दायर किया जाता है कि यदि कोई याचिका संबंधित विषय पर दायर की जाती है, तो याचिकाकर्ता के पक्ष में कोई आदेश पारित करने से पहले कैवियटकर्ता (यहां, सामान्य प्रशासन विभाग) का पक्ष अवश्य सुना जाए। यह न्यायिक प्रक्रिया को संतुलित रखने और एकतरफा निर्णय से बचने के लिए जरूरी होता है।

MP: महाधिवक्ता कार्यालय को भेजी जाएगी अग्रिम प्रति

सामान्य प्रशासन विभाग ने यह भी निर्देश दिया है कि यदि किसी भी प्रकार की याचिका या कानूनी चुनौती मध्यप्रदेश (MP) लोक सेवा पदोन्नति नियम, 2025 के विरुद्ध दायर की जाती है, तो उसकी अग्रिम प्रति महाधिवक्ता कार्यालय जबलपुर, इंदौर या ग्वालियर को तत्काल उपलब्ध कराई जाए। इससे शासन की कानूनी तैयारी और पक्ष प्रस्तुत करने की प्रक्रिया को गति मिल सकेगी।

अधिकारियों की ओर से दी गई जानकारी

इस संबंध में उप सचिव अजय कटेसरिया ने जानकारी दी कि राज्य शासन (MP) ने पूरी सतर्कता के साथ नियमों की रक्षा के लिए यह कानूनी कार्रवाई प्रारंभ की है। यह कदम राज्य शासन की उस नीति को प्रतिबिंबित करता है जिसमें प्रशासनिक पारदर्शिता, कानूनी तत्परता और सेवाओं में सुव्यवस्था बनाए रखने का प्रयास किया गया है।