IMF ने वित्त वर्ष 26 और 27 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान 6.5% पर बरकरार रखा

IMF ने वित्त वर्ष 26 और  27 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान 6.5% पर बरकरार रखा


नई दिल्ली: भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) में आई अप्रत्याशित कमी  ने उम्मीद से भी ज्यादा धीमी कर दिया है। यह कहना है अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) का। इसने शुक्रवार को बताया है कि साल 2024 में भारत की विकास दर 6.5 फीसदी रहने का अनुमान है। एक साल पहले यानी साल 2023 में यह 8.2 फीसदी थी। भारत की आर्थिक वृद्धि की दर कम रहने की मुख्य वजह औद्योगिक गतिविधियों (Industrial Activities) में आई अप्रत्याशित गिरावट है।  बता दें IMF का अनुमान है कि साल 2026 तक भारत की विकास दर 6.5 प्रतिशत पर बनी रहेगी। IMF ने अपनी ताज़ा वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक (World Economic Outlook) रिपोर्ट में कहा, "भारत में विकास दर उम्मीद से ज़्यादा धीमी हुई है। औद्योगिक गतिविधियों में आई अप्रत्याशित गिरावट इसका मुख्य कारण है।" भारत की विकास दर 2023 के 8.2 फीसदी से गिरकर 2024 में 6.5 फीसदी रहने का अनुमान है।  
भारत की विकास दर में गिरावट चिंता का विषय है। संगठन का कहना है कि अब सरकार को अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए कदम उठाने होंगे। औद्योगिक क्षेत्र में सुधार के लिए नीतियां बनानी होंगी। वैश्विक अर्थव्यवस्था भी चुनौतियों का सामना कर रही है। मुद्रास्फीति और भू-राजनीतिक तनाव इसके लिए जिम्मेदार हैं। इन चुनौतियों से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग ज़रूरी है।  आईएमएफ के मुताबिक वैश्विक आर्थिक विकास दर 2025 और 2026 के लिए 3.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है। यह 2000-19 के 3.7 प्रतिशत के ऐतिहासिक औसत से कम है। 2025 का अनुमान अक्टूबर 2024 के WEO के समान ही है। अमेरिका के आंकड़ों में बढ़ोतरी और अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में गिरावट के कारण यह संतुलन बना हुआ है। IMF को उम्मीद है कि 2025 में वैश्विक मुद्रास्फीति घटकर 4.2 प्रतिशत और 2026 में 3.5 प्रतिशत हो जाएगी। विकसित अर्थव्यवस्थाओं के उभरते बाजारों और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में जल्दी लक्ष्य दरों को हासिल करने की उम्मीद है।