चुनाव से पहले मुफ्त की योजनाए देने पर सुप्रीम कोर्ट जनीतिक दलों से नाराज
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सुप्रीम कोर्ट ने शहरों में रहने वाले बेघर लोगों को रैन बसेरा उपलब्ध करवाने से जुड़े एक मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने चुनाव से पहले राजनीतिक पार्टी के तरफ से बाटी जाने वाली मुफ्त सुविधाओं की घोषणा पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की है. बुधवार12 फरवरी को कोर्ट ने कहा है कि बहुत से लोग मुफ्त सुविधाओं के चलते काम नहीं करना चाहते. इस तरह से परजीवियों का एक नया वर्ग देश मे तैयार हो रहा है.
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस भूषण रामाकृष्ण गवई और ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह की बेंच ने अटॉनी जनरल से कहा कि वो सरकार से निर्देश लेकर बताए कि यह कार्यक्रम कब से लागू होगा. जजों ने 6 सप्ताह बाद अगली सुनवाई की बात कही। इसी दौरान जजों ने इस बात पर भी जोर दिया कि लोगों को मुफ्तखोरी की आदत डालने की जगह उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ने की कोशिश होनी चाहिए.