लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने की बड़े बदलाव की घोषणा; 22 भाषाओं में होगी संसद कार्यवाही की सुविधा

लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने संसद में बड़ा बदलाव घोषणा करते हुए बोले कि अब सदन की कार्यवाही 22 भारतीय भाषाओं में सुनी जा सकती है। भाषाई विविधता को प्रोत्साहित करने के लिए एक अहम् फैसला लिया गया है उन्होंने कहा की दुनिया की किसी अन्य लोकतांत्रिक संस्था में इतनी भाषाओं में अनुवाद की सुविधा उपलब्ध नहीं है. जब उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इस विषय पर चर्चा की तो वैश्विक स्तर पर भारतीय संसद की इस पहल की प्रशंसा की गई. उन्होंने कहा कि भारत की लोकतांत्रिक प्रणाली में भाषाई समावेशन को बढ़ावा देने का ये कदम बाकी देशों के लिए भी एक उदाहरण बन सकता है.
सदन में अब हिंदी और अंग्रेजी के अलावा 10 भाषाओं - असमिया, बंगाली, गुजराती, कन्नड़, मलयालम, मराठी, उड़िया, पंजाबी, तमिल और तेलुगु में एकसाथ अनुवाद की सुविधा उपलब्ध थी, लेकिन अब इसमें छह और भाषाओं को जोड़ा गया है.
स्पीकर ने बताया कि संसद में अब बोडो, डोगरी, मैथिली, संस्कृत, उर्दू और मणिपुरी भाषाओं में भी अनुवाद की सुविधा दी जाएगी. उन्होंने कहा कि संसद में बहुभाषीय अनुवाद प्रणाली का विस्तार लगातार किया जा रहा है, जिससे ज्यादा से ज्यादा सांसद अपनी मातृभाषा में अपनी बात रख सकें और लोकतांत्रिक चर्चा में प्रभावी रूप से भाग ले सकें.