असदुद्दीन ओवैसी ने जन्म प्रमाणपत्र देने पर लगे बैन को हटाने की महाराष्ट्र सरकार से की मांग कहा:कई परिवारों को हो रही दिक्कत

महाराष्ट्र में जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण को देर से जारी करने की छूट पर फिलहाल BJP नेता की शिकायतों के बाद सरकार ने रोक लगा दी है.सरकार ने जन्म प्रमाण पत्र देते समाय धांधली की शिकायत की थी. तो प्रमाण पत्र देने से रोल लगा दी थी. अब AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने बैन हटाने की हटाने की सरकार से मांग की है।
सरकार ने 21 जनवरी से जन्म प्रमाणपत्र जारी करने पर बैन लगाया था . ओवेसी ने कहा उससे उन परिवारों को दिक्कत आ रही है जिनके घर में बच्चों का जन्म कोविड के वक्त हुआ था.
AIMIM चीफ और लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ' X पर लिखा, ''महाराष्ट्र सरकार ने 21 जनवरी के जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र को जारी करने पर रोक लगा दी है. इसकी वजह से कोविड के वक्त में या उसके बाद पैदा हुए हजारों बच्चों को दिक्कत आ रही है. गरीब परिवार के लोग विशेषकर कानूनी जानकारी ना होने, वित्तीय संकट और अज्ञानता के कारण मालेगांव के लोग रजिस्टर नहीं कर पाए. उनके बच्चों के स्कूल में एडमिशन नहीं हो पा रहे हैं. सीएम देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे से अपील करता हूं कि इस पर बैन हटाया जाए. प्राइमरी स्कूल में प्रवेश के लिए छूट दी जाए. शिक्षा का अधिकार मौलिक अधिकार है, मालेगांव के गरीब बच्चों को अधिकार से वंचित नहीं रखा जा सकता.'
सरकार ने जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण अधिनियम 1969 में संशोधन किया था जिसमें जिला मजिस्ट्रेट या उपमंडल अधिकारी को देर से जन्म और मृत्यु पंजीकरण की शक्तियां दी गई थीं. लेकिन बीजेपी सांसद किरीट सोमैया ने आरोप लगाया था कि महाराष्ट्र के कुछ जिले में जन्म प्रमाणपत्र को जारी करने से संबंधित स्कैम हुआ है