दिल्ली में SSC छात्रों पर पुलिस ने बरसाईं लाठियां
एकंर - आवाज उठाओगे तो लाठी खाओगे,और....रोजगार मांगोगे तो डंडा मिलेगा...ये कोई फिल्मी डायलॉग नहीं,...बल्कि उस भारत का सच है...जिसकी तस्वीरें दिल्ली की सड़कों से....निकलकर पूरे देश को झकझोर रही हैं....ये तस्वीरें उन छात्रों की हैं,....जो अपना भविष्य बचाने और... अपने हक की एक नौकरी के लिए.... सिर्फ एक पारदर्शी परीक्षा की मांग करने आए थे....लेकिन सिस्टम ने उनकी मांगों पर गौर करने के बजाय,.... उन पर लाठियां बरसाना ज़्यादा ज़रूरी समझा.... हम बात कर रहे है... स्टाफ सिलेक्शन कमीशन.... यानी SSC के उस महा-आंदोलन की...जिसने देश की राजधानी को हिलाकर रख दिया....क्या इस देश में अपने हक के लिए शांति से आवाज उठाना भी गुनाह बन गया है...इस गुस्से की सबसे बड़ी वजह बनी.. हाल ही में हुई SSC सिलेक्शन पोस्ट फेज-13 की परीक्षा... छात्रों का आरोप था कि परीक्षा में बड़े पैमाने पर धांधली और बदइंतजामी हुई है...सबसे बड़ा आरोप था परीक्षा कराने वाली एजेंसी 'एडिक्विटी' पर.... छात्रों और शिक्षकों का कहना है कि... इस कंपनी का नाम पहले भी मध्य प्रदेश पटवारी परीक्षा और महाराष्ट्र MBA-CET जैसे... कई विवादित एग्जाम्स में आ चुका है..... सवाल ये उठता है कि जिस एजेंसी पर पहले से पेपर लीक और... तकनीकी गड़बड़ियों के आरोप लगे हों, ...उसे लाखों छात्रों का भविष्य तय करने का ठेका आखिर दिया ही क्यों गया?...
दूसरा बड़ा मुद्दा था... परीक्षा सेंटरों का अजीबोगरीब आवंटन.... जयपुर के छात्र को सेंटर अंडमान-निकोबार भेज दिया गया..., तो कानपुर वाले को कर्नाटक के उडुपी.... एडमिट कार्ड परीक्षा से सिर्फ दो दिन पहले आए..., जिससे हज़ारों किलोमीटर दूर सेंटर पाए छात्रों के लिए... वहां पहुंचना लगभग नामुमकिन हो गया. ..जो छात्र किसी तरह हज़ारों रुपये फूंककर अपने सेंटर पहुंचे भी,.... तो उन्हें वहां जाकर पता चला कि परीक्षा ही रद्द कर दी गई है....इतना ही नहीं, ...परीक्षा के दौरान तकनीकी गड़बड़ियों की तो जैसे बाढ़ आ गई. ...कहीं कंप्यूटर का माउस काम नहीं कर रहा था... तो कहीं परीक्षा के बीच में ही सिस्टम हैंग हो गया... छात्रों ने ये भी आरोप लगाया कि... अलग-अलग शिफ्ट में हुए पेपर 70 से 80 फीसदी तक एक जैसे थे, ...जिससे पेपर लीक का शक और भी गहरा गया...जब छात्रों ने इन दिक्कतों के खिलाफ आवाज़ उठाई,... तो उन्हें स्टाफ और बाउंसरों से बदसलूकी झेलनी पड़ी....और. जब सब्र का बांध टूट गया..., तो छात्रों और उनके गुरुओं ने दिल्ली आने का फैसला किया... इनमें राकेश यादव सर, नीतू मैम और अभिनय सर जैसे कई बड़े शिक्षक भी शामिल थे,... जो अपने छात्रों के हक़ के लिए उनके साथ खड़े थे...उनका मकसद हंगामा करना नहीं था..., वे बस शांति से अपनी बात सरकार तक पहुंचाना चाहते थे...उनकी मांगें सीधी और जायज़ थीं:...SSC की परीक्षा प्रक्रिया की एक निष्पक्ष जांच हो.....वे बस एक मौका चाहते थे कि... कोई उनकी बात सुन ले, ताकि भविष्य में किसी और छात्र को इस दर्द से न गुजरना पड़े.... प्रदर्शनकारी केवल.. मंत्री या अधिकारियों से मिलना चाहते हैं.., लेकिन उनकी एक न सुनी गई... माहौल तनावपूर्ण होने लगा और फिर वही हुआ... जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी....पुलिस ने शांति से प्रदर्शन कर रहे छात्रों और शिक्षकों पर... लाठीचार्ज कर दिया....सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में साफ़ दिख रहा है.... कि कैसे पुलिस निहत्थे छात्रों को दौड़ा-दौड़ाकर पीट रही है..... वो शिक्षक, जिन्हें समाज गुरु का दर्जा देता है, ...उन्हें अपराधियों की तरह घसीटकर बसों में ठूंसा जा रहा था.... ये सिर्फ एक लाठीचार्ज नहीं था.... ये उन लाखों युवाओं की आवाज़ को कुचलने की कोशिश थी... जो एक बेहतर व्यवस्था की मांग कर रहे थे...दिल्ली की सड़कों पर जो हुआ, वो सिर्फ छात्रों पर पड़ी लाठियां नहीं थीं... ये हमारे लोकतंत्र और हमारे युवाओं के सपनों पर पड़ी चोट थी.... एक तरफ हम दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी होने पर गर्व करते हैं...., और दूसरी तरफ जब वही युवा अपने हक के लिए सवाल पूछता है,... तो उसे चुप करा दिया जाता है....अब हमें सोचना होगा. क्या हमारा भविष्य इस सिस्टम के भरोसे महफूज़ है? ... हमारा मकसद सिर्फ एक घटना दिखाना नहीं है, ...बल्कि सोए हुए सिस्टम को जगाना है.... अगर आप भी इन छात्रों की मांगों से सहमत हैं.., और अगर आपको लगता है कि... हमारे देश के युवाओं के साथ नाइंसाफी हो रही है..., तो इस आवाज़ को दबने मत दीजिए...इस वीडियो को ज़्यादा से ज़्यादा शेयर करें..., ताकि यह बात हर घर और हर ज़िम्मेदार व्यक्ति तक पहुंचे.