मध्यप्रदेश में मानसून का रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन

 मध्यप्रदेश में मानसून की मेहरबानी आफत बनती जा रही है.... प्रदेश में अब तक कोटे की 74 प्रतिशत बारिश हो चुकी है..., जो औसत से कहीं ज़्यादा है.... राज्य के कई हिस्से, ख़ासकर पूर्वी मध्य प्रदेश, ...बाढ़ जैसे हालातों से जूझ रहा है.... हालांकि, मौसम विभाग का कहना है कि.. भारी बारिश का दौर फिलहाल थम गया है,.....आज हम जानेंगे कि मध्यप्रदेश के किन इलाकों में राहत है,... कहां आफत है, और आने वाले दिनों में... मौसम का मिज़ाज कैसा रहने वाला है....इस साल मानसून पूर्वी मध्यप्रदेश पर कुछ ज़्यादा ही मेहरबान रहा.... जबलपुर, रीवा, शहडोल और सागर संभाग में बादल ऐसे बरसे कि.... नदी-नाले उफान पर आ गए और... कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए....आंकड़ों के मुताबिक, पूर्वी हिस्से में अब तक सामान्य से 62 प्रतिशत... ज़्यादा पानी गिर चुका है....गुरुवार को भी जबलपुर, दमोह, मंडला और रीवा समेत कई जिलों में... हल्की बारिश का दौर जारी रहा.... हालांकि अब मूसलाधार बारिश का दौर थम गया है...अगर पश्चिमी मध्यप्रदेश की बात करें तो...यहां भी हालात कुछ अलग नहीं हैं.... पश्चिमी हिस्से में सामान्य से 55 प्रतिशत ज़्यादा बारिश दर्ज की गई है..... प्रदेश में 16 जून को मानसून ने दस्तक दी थी और... तब से अब तक औसतन 28 इंच बारिश हो चुकी है,... जबकि इस समय तक का सामान्य आंकड़ा 17.6 इंच है.... यानी प्रदेश को अब तक 10.5 इंच पानी ज़्यादा मिल चुका है...लगातार हो रही बारिश के बाद अब प्रदेशवासियों के लिए एक राहत की खबर है.... सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन के मुताबिक,... अभी कोई बड़ा स्ट्रॉन्ग सिस्टम एक्टिव नहीं है..., जिसके चलते अगले चार दिनों तक प्रदेश में कहीं भी भारी बारिश का अलर्ट नहीं है.... हालांकि, भोपाल, इंदौर, उज्जैन और ग्वालियर-जबलपुर समेत पूरे प्रदेश में... हल्की बारिश का दौर जारी रह सकता है

मध्यप्रदेश में पिछले 24 घंटे के दौरान कई जिलों में हल्की बारिश हुई। नरसिंहपुर और बालाघाट के मलाजखंड में आधा इंच पानी बरस गया। मौसम विभाग के अनुसार, भोपाल, बैतूल, दतिया, गुना, ग्वालियर, नर्मदापुरम, पचमढ़ी, रायसेन, रतलाम, विदिशा, श्योपुर, दमोह, जबलपुर, मंडला, नरसिंहपुर, सागर, रीवा, सिवनी, उमरिया, बालाघाट, शाजापुर, सीहोर, देवास समेत कई जिलों में बूंदाबांदी हुई।

मौसम वैज्ञानिक डॉ. सुरेंद्रन ने बताया कि अगले एक सप्ताह में कहीं भी भारी बारिश होने की संभावना नहीं है। दूसरे सप्ताह में ग्वालियर-चंबल, रीवा संभाग में ही तेज बारिश हो सकती है।

जुलाई में प्रदेश में औसत 21 इंच बारिश हुई, जबकि इस महीने की एवरेज बारिश 12.5 इंच है। यानी, साढ़े 8 इंच बारिश ज्यादा हो गई। पूर्वी हिस्से में 62 प्रतिशत और पश्चिमी हिस्से में 55 प्रतिशत पानी ज्यादा गिरा है। बारिश के ऐसे ही दौर की उम्मीद अगस्त में भी है। मौसम वैज्ञानिकों की माने तो अगस्त में ही 15 से 20 इंच बारिश हो सकती है