कोरोना और वैक्सीन से मौतों के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दिए केंद्र को दिए निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने 25 फरवरी को कोरोना और वैक्सीन से हुई मौत के मामले में मुआवजे से जुड़ी याचिका पर सुनवाई की. कोराना महामारी के समय संक्रमण से मरे लोगों के परिजनों के लिए मुआवजा नीति को लेकर केंद्र सरकार से सवाल पूछा है। केंद्र सरकार की ओर से एडिशनल सॉलिसीटर जनरल ऐश्वर्या भाटी अदालत में मौजूद थे।
ऐश्वर्या भाटी ने कोर्ट के सुझाव पर जवाब देने के लिए तीन सप्ताह का समय मांगा, जिसे पीठ ने स्वीकार कर लिया.जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ को केंद्र सरकार ने सूचित किया कि महामारी को आपदा घोषित किया गया था और टीकाकरण के बाद होने वाले प्रतिकूल प्रभाव (एईएफआई) जिसमें मौतें भी शामिल हैं, इसके अंतर्गत नहीं आते हैं और ऐसे मामलों में मुआवजे के लिए कोई नीति नहीं है. केंद्र का प्रतिनिधित्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने किया.
इस पर SC ने कहा कि कोविड-19 से होने वाली मौतों और टीके से संबंधित मौतों को अलग-अलग नहीं देखा जाना चाहिए. कोर्ट ने कहा, 'आखिरकार, पूरा टीकाकरण अभियान महामारी का जवाब था. आप यह नहीं कह सकते कि वे आपस में जुड़े नहीं हैं.'