इस बार पटाखे नहीं, प्रकृति जलाएगी दीया इको-फ्रेंडली दीवाली 2025

क्या इस दीवाली आपका घर सिर्फ रोशनी से जगमगाएगा या… फिर प्रकृति की मुस्कान से भी?...इस बार पटाखों की आवाज़ नहीं… बल्कि पर्यावरण की शांति से मनाएं ….इको-फ्रेंडली दीवाली…दीवाली रौशनी और खुशियों का त्योहार है, ….लेकिन अगर हम थोड़ी सी समझदारी दिखाएं…तो ये त्योहार प्रकृति के लिए भी वरदान बन सकता है।… पहला कदम, मिट्टी के दीये जलाइए।… ये न सिर्फ सुंदर दिखते हैं…., बल्कि हमारे स्थानीय कुम्हारों की मेहनत को भी सम्मान देते हैं।….दूसरा, पटाखों से दूरी बनाएँ। प्रदूषण फैलाने वाले पटाखों की जगह… दीयों, संगीत और परिवार की हँसी से माहौल सजाइए…तीसरा, इस बार मिठाई की जगह पौधे गिफ्ट करें….क्योंकि पेड़ ही असली समृद्धि हैं।…. चौथा, सजावट में प्लास्टिक नहीं, कागज़, सूखे फूलों और कपड़े से बने डेकोर का इस्तेमाल करें।…पाँचवाँ, घर की मिठाइयाँ खुद बनाइए… स्वाद भी शुद्ध, पर्यावरण भी सुरक्षित।…और आखिरी, स्थानीय हस्तशिल्प को बढ़ावा दें…. क्योंकि “वोकल फॉर लोकल” ही असली भारतीय दीवाली की पहचान है। …तो आइए, इस बार प्रकृति की रक्षा करते हुए…. दीवाली मनाएं
हर साल दीवाली के बाद, हवा जहरीली हो जाती है,
पेड़ पत्ते राख से ढक जाते हैं, और हमारे बच्चे तक मास्क लगाने को मजबूर हो जाते हैं।
क्या यही है असली उत्सव?
क्या यही है वो दीवाली की रोशनी, जो सबके जीवन में उजाला लाएतो क्यों न इस बार दीवाली थोड़ी अलग मनाएँ?
थोड़ी संवेदनशील, थोड़ी सच्ची।
आइए, कदम दर कदम जानते हैं —
कैसे मनाएँ एक हरित (Green) और खुशहाल दीवालीसबसे पहले — मिट्टी के दीये जलाइए।
ये न सिर्फ खूबसूरत होते हैं,
बल्कि हमारे स्थानीय कुम्हारों की मेहनत को भी सम्मान देते हैं।
एक दीया खरीदकर, आप किसी परिवार के चेहरे पर मुस्कान जगा सकते हैं।
दूसरा — पटाखों से दूरी बनाइए।
प्रदूषण फैलाने वाले पटाखों की जगह,
अपने घर को दीयों, संगीत और हँसी की आवाज़ से सजाइए।
याद रखिए — खुशियाँ आवाज़ से नहीं, एहसास से बनती हैं।
तीसरा — इस बार मिठाई की जगह पौधे गिफ्ट करें।
क्योंकि पेड़ ही असली समृद्धि हैं।
जहाँ पौधे हैं, वहीं जीवन है।
चौथा — प्लास्टिक को अलविदा कहिए।
सजावट के लिए कागज़, सूखे फूल, और कपड़े से बने डेकोर अपनाइए।
ऐसा घर, जो चमके भी और प्रकृति को नुकसान भी न पहुँचाए — वही असली दीवाली है।
पाँचवाँ — मिठाइयाँ खुद बनाइए।
स्वाद भी शुद्ध रहेगा, और प्लास्टिक पैकेजिंग का कचरा भी नहीं फैलेगा।
थोड़ा वक्त अपने परिवार के साथ रसोई में बिताइए —
वो पल किसी भी पटाखे से ज़्यादा चमकदार होंगे।