इंदौर स्वच्छता में फिर बनेगा नंबर 1, सूरत और नवी मुंबई को सुधार की जरूरत

स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 से पहले देश के प्रमुख शहरों की जमीनी हकीकत का पता चलता है। सूरत और नवी मुंबई में अभी भी कई समस्याएं हैं, जबकि इंदौर ने अपनी स्वच्छता को बनाए रखने में सफलता हासिल की है।
आपको बता दें , सूरत में नालों की सफाई में कमी पाई गई, खासकर नवा कमेला और संजय नगर जैसे इलाकों में कचरे से भरे नाले दिखे। वहीं, खुले में कचरा जलाए जाने की घटनाएं भी सामने आईं है। विशेषकर गांधी कुटीर और आमरोली इलाकों में। डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन सिस्टम भी पूरी तरह से प्रभावी नहीं है, और लोग मिक्स कचरा दे रहे हैं। इस कारण शहर की स्वच्छता पर नकारात्मक असर पड़ा है।
वहीं नवी मुंबई में भी कई इलाकों में कचरा पेटियां सड़कों पर नजर आ रही हैं। खुले में कचरा फेंके जाने और सीवरेज नालों में प्लास्टिक कचरा मिलने की समस्याएं हैं। हालांकि, यहां कचरा जलाने की शिकायत नहीं मिली, लेकिन कुछ इलाकों में सीवरेज सिस्टम में कचरे की समस्या बरकरार है।
इंदौर में स्थिति बेहतर
इंदौर ने अपनी स्वच्छता को बनाए रखते हुए अन्य शहरों के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया है। यहां के नाले साफ कर दिए गए हैं, और बारिश के बाद स्थिति में सुधार हुआ है। हालांकि, डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन को नियमित बनाए रखना एक चुनौती बनी हुई है। इंदौर ने स्वच्छता के क्षेत्र में आठवीं बार नंबर 1 बनने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं।
स्वच्छ सर्वेक्षण के पैरामीटर
इस बार स्वच्छ सर्वेक्षण में कुल 10,000 अंक होंगे और इसमें 10 प्रमुख पैरामीटर शामिल होंगे, जैसे कि विजिबल क्लीनलीनेस, सेग्रीगेशन, कलेक्शन एंड ट्रांसपोर्टेशन, सॉलिड वेस्ट मैनजमेंट, और सिटीजन फीडबैक।
आपको बता दें , इंदौर अपनी स्वच्छता में नंबर 1 बना रहेगा, जबकि सूरत और नवी मुंबई को अपनी स्वच्छता प्रणालियों में सुधार की आवश्यकता है।