उत्तराखंड-हिमाचल में बादल फटने से तबाही मलबे से ज़िंदा निकला शख्स
, उत्तराखंड के चमोली में ऐसा ही हुआ है...चमोली जिले के नंदनगर में 18 सितंबर की रात को... बादल फटने से भारी तबाही मच गई। ....मलबे की चपेट में आकर 10 से ज्यादा लोग लापता हैं, ....जबकि घटना के 16 घंटे बाद एक शख्स को मलबे से जिंदा निकाला गया। ....एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन में... जुटी हैं, लेकिन खराब मौसम काम में बाधा डाल रहा है।.... यहां करीब 200 लोग प्रभावित हुए हैं, ....और 35 से ज्यादा मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुके हैं।... देहरादून-मसूरी रोड अभी भी बंद है..., लेकिन मसूरी में फंसे करीब 2,000 पर्यटक सुरक्षित हैं।.... अब हिमाचल प्रदेश की ओर रुख करते है....जहां किन्नौर जिले के थाच गांव में गुरुवार देर रात बादल फटने से बाढ़ आ गई। ...दो गाड़ियां बह गईं, खेत-बागीचे तबाह हो गए।....जिसके बाद ग्रामीणों ने रातोंरात घर छोड़कर ....ऊंचे स्थानों पर शरण ली।.... शिमला के एडवर्ड स्कूल के पास भी रात में... भूस्खलन हो गया, ...जिससे शहर की लाइफलाइन सर्कुलर रोड बंद हो गई।....वहीं एडवर्ड स्कूल को आज और कल के लिए छुट्टी घोषित कर दी गई है।... कुमारसैन के करेवथी में एक तीन मंजिला मकान धंस गया।....बता दे की राज्य में मानसून से अब तक 419 लोगों की मौत हो चुकी है ..और 4,500 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हो गया ...उत्तर प्रदेश में भी विपदा टली नहीं।... सोनभद्र के रिहंद बांध ने.... इस साल पांचवीं बार ओवरफ्लो किया,.... जिससे आसपास के इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया।... कौशांबी में बिजली गिरने से दो महिलाओं की दर्दनाक मौत हो गई।... राज्य में इस साल 373 लोग बिजली गिरने से मारे जा चुके हैं...., ज्यादातर पूर्वांचल में।...वहीं पंजाब की बात करें तो मौसम विभाग ने आज कई जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।... भाखड़ा बांध का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है... – आज सुबह 1,677.68 फीट दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान 1,680 फीट से महज 2.32 फीट नीचे है....। एहतियातन चारों फ्लड गेट एक-एक फुट तक खोल दिए गए हैं।... बांध में पानी की आमद 56,334 क्यूसेक है..., जबकि टरबाइनों और गेटों से ...40,000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। ....इससे सतलुज नदी किनारे के गांवों में हाई अलर्ट है। ....और अब आते है मध्यप्रदेश। पर...जहां इस मानसून सीजन में औसत ...1,097.28 एमएम बारिश हो चुकी है.., जो सामान्य से 187.96 एमएम ज्यादा है।... गुना में सबसे ज्यादा 1,651 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई..., जबकि खरगोन में सबसे कम 665.48 एमएम।.... लेकिन ये अतिरिक्त बारिश बाढ़ और जलभराव का कारण भी बनी है...दोस्तों, मानसून ने जहां फसलें सींची हैं,... वहीं जान-माल की भारी कीमत भी वसूल ली है।.... अपनी और अपनों की सुरक्षा को प्राथमिकता दें ....– अलर्ट वाले इलाकों में सतर्क रहें,